• January 25, 2025
 सोशल मीडिया पर छाया दुष्कर्म अभियुक्त की हत्या का मामला, गोरखपुर के लाेगों ने सराहा, बोले- सही किया
कई लोगों ने हत्या करने वाले पिता के समर्थन में ट्वीट किए, कुछ ने आर्थिक सहायता देने की पेशकश की तो किसी ने त्वरित न्याय बताया।
गोरखपुर दीवानी कचहरी हत्याकांड
गोरखपुर दीवानी कचहरी हत्याकांड – फोटो : अमर उजाला।
खबरी इंंडिया, गोरखपुर।  गोरखपुर के दीवानी कचहरी में नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त दिलशाद की हत्या का मामला शनिवार को सोशल मीडिया पर छाया रहा। यह घटना शनिवार को भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती रही।

ट्विटर और फेसबुक सहित अन्‍य सोशल मिडिया पर अधिकतर लोगों ने हत्यारोपी पिता का समर्थन किया। कुछ लोगों ने इस मामले को हिंदू-मुस्लिम का रंग देने की कोशिश की तो कुछ ने उन्हें फटकार लगाई। कुछ लोगों का गुस्सा धीमी न्याय प्रक्रिया पर था। उनके ट्वीट में यह भाव साफ नजर आ रहा था। कुछ ने न्याय प्रक्रिया पर यकीन बताकर किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने की सलाह दी।

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दीपक मिश्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर दुष्कर्म अभियुक्त दिलशाद के रक्तरंजित शव की फोटो के साथ ट्वीट किया कि गोरखपुर में नाबालिग रेप पीड़िता के पिता (नाम) ने बेल पर चल रहे आरोपी दिलशाद हुसैन की पेशी पर आने के दौरान गोली मारी। न्यायिक निष्क्रियता से समाज का प्रतिक्रिया देना स्वाभाविक है। इंजीनियर सुरेश शर्मा ने ट्वीट पर रिप्लाई किया कि उस पिता को प्रणाम, जिसने एक राक्षस को कचहरी के बाहर पार्किंग क्षेत्र में गोलियों से भून दिया।
दीपक मिश्रा ने फिर एक और ट्वीट किया कि अभी तो बस एक को न्याय मिला है। वो भी पिता द्वारा कानून हाथ में लेने के बाद। असली लड़ाई अभी बाक़ी है। एक यूजर ने इस घटना को हिन्दू-मुस्लिम रंग देने की चेष्टा की तो एक अन्य यूजर, सुनीता प्रजापति ने रिप्लाई किया कि कृपा करके हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा न बनाएं। न्याय का मुद्दा है, न्याय की ही बात करें।

कंचन पटेल ने लिखा कि एक  दुष्कर्मी को यही सजा मिलनी चाहिए। कब तक तारीख पर तारीख का चक्कर चलने देना। इस बीच पीड़िता और उसके परिवार वालों को कितनी शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है, ये तो जिसके साथ बीत रहा है, वो ही ये दर्द समझता है। भगवान जी, हर एक बेटी को सुरक्षित रखना। नेहा ने रिप्लाई किया कि मैडम, अगर हर आरोपी को ऐसे ही सजा देना है तो अरेस्ट करके तुरंत गोली मरवा दिया कीजिए, माना उस आरोपी का किया गया कार्य बहुत निंदनीय है, लेकिन अपने किए का भुगतान करने का टाइम तो मिलना चाहिए। न्याय व्यवस्था पर भी तो भरोसा करना चाहिए।

ऐसे तो जंगल राज बन जाएगा। इसपर कंचन पटेल ने रिप्लाई किया कि वह आरोपी था तभी तो एक पिता ने…. कोई ऐसे ही किसी की जान नहीं लेता। मनोज ने ट्वीट किया कि मुझे कोई उनके पिता का बैंक अकाउंट नंबर दीजिए, हम सहायतार्थ कुछ धनराशि सहयोग करने को तैयार हैं। मेरी नजर में पिता आरोपी नहीं है।

आरोपी ने पुलिस से पूछा, गोली दिलशाद को ही लगी ना?

हत्यारोपी को कोई पछतावा नहीं है। वह बार-बार पुलिस से यही पूछ रहा था कि गोली दिलशाद को ही लगी है ना। उसने पुलिस को बताया कि गोली पीछे से मारी थी, इस वजह से उसे आशंका थी कि किसी और को तो नहीं लग गई। जब कुछ पुलिस वालों से उसे पता चला कि दिलशाद की मौत हो गई है, तब उसने कहा कि अब कोई बात नहीं, जेल हो या फांसी, मेरा परिवार सुरक्षित हो गया है।

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