कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization-EPFO): मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईपीएफओ का कहना है कि पेंशन डिवीजन (Pension Latest News) ने इस समस्या को संज्ञान में लिया था. पेंशन डिवीजन ने RBI के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कुछ अहम फैसले लिए हैं.
नई दिल्ली। Employee Pension Scheme के पेंशनर्स के लिए एक अच्छी खबर है। अब EPS पेंशनर्स की पेंशन महीने की आखिरी तारीख तक उनके पेंशन खाते में पहुंच जाएगी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के संज्ञान में आया कि EPS पेंशनभोगियों को पेंशन का भुगतान नियत तारीख पर खाते में जमा नहीं किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप पेंशनभोगियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अभी EPS पेंशनर्स के खाते में पेंशन की राशि आमतौर पर महीने की शुरुआत में काफी लेट डाली जाती है। इससे उन्हें काफी दिक्कत होती है।
EPS पेंशनर्स की इसी कठिनाई को दूर करने के लिए ईपीएफओ ने 13 जनवरी 2022 को एक सर्कुलर जारी किया। इस सर्कुलर में कहा गया है, “इस मामले की पेंशन डिवीजन द्वारा समीक्षा की गई है और आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि सभी फील्ड ऑफिस, मासिक बीआरएस बैंकों को इस प्रकार भेज सकते हैं कि पेंशन, माह के अंतिम कार्य दिवस को या उससे पहले पेंशनभोगियों के खाते में जमा हो जाए (मार्च के महीने को छोड़कर, जिसके लिए पेंशन 1 अप्रैल को या उसके बाद जमा होती रहेगी)।
निर्देशों के कड़ाई से अनुपालन किया जाए सुनिश्चित
ईपीएफओ ने यह भी कहा, ‘इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जा सकता है कि पेंशन वितरण करने वाले बैंकों को पेंशन, पेंशनभोगियों के खातों में जमा होने से दो दिन पहले से ज्यादा पहले नहीं भेजी जाए।” ईपीएफओ सर्कुलर में कहा गया है, “कड़ाई से अनुपालन के लिए उपरोक्त निर्देशों को ध्यान में रखते हुए, सभी कार्यालयों को सलाह दी जाती है कि वे अपने संबंधित क्षेत्राधिकार के तहत पेंशन वितरण करने वाले बैंकों को आवश्यक दिशा-निर्देश/निर्देश जारी करें ताकि उपरोक्त निर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।”
EPS क्या है
प्राइवेट सेक्टर के संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का लाभ मिल सके, इसके लिए इंप्लॉई पेंशन स्कीम, 1995 (EPS) की शुरुआत की गई। EPF स्कीम, 1952 के तहत एंप्लॉयर द्वारा कर्मचारी के EPF में किए जाने वाले 12 फीसदी कॉन्ट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी EPS में जाता है। हालांकि, EPS में अधिकतम मासिक योगदान 1250 रुपये तय किया गया है। 58 साल की उम्र के बाद कर्मचारी EPS के पैसे से मंथली पेंशन का लाभ पा सकता है। कर्मचारी के पेंशन अकाउंट में सरकार का भी योगदान होता है।