
गोरखपुर/नगर निगम के उपनगर आयुक्त संजय शुक्ला से बेतियाहाता के सपा पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी का बुधवार को विवाद हो गया। पार्षद डस्टबिन लगाने की मांग को लेकर नगर निगम गए थे। पार्षद पर उपनगर आयुक्त के साथ मारपीट और गाली देने का आरोप है। नगर आयुक्त और महापौर की संस्तुति पर आरोपी पार्षद के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देने की तैयारी हो रही है।
बेतियाहाता पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी बुधवार की दोपहर तीन बजे उपनगर आयुक्त के कक्ष में पहुंचे। कक्ष में पहले से राप्तीनगर पार्षद बृजेश सिंह छोटू और बशारतपुर पार्षद राजेश तिवारी पहले से मौजूद थे। स्टोर प्रभारी और सहायक अभियंता अशोक सिंह भी पार्षद के साथ पहुंचे। पार्षद की तरफ से वार्ड में डस्टबिन रखने की मांग की गई। बातचीत हो रही थी कि इसी दौरान पार्षद अपना आपा खो गए। वह विरोधी दल का पार्षद होने के चलते अनदेखी का आरोप लगाने लगे। स्थिति बिगड़ता देख कुछ लोगों ने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दे दी। सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव के साथ सीओ कोतवाली मौके पर पहुंचे। पार्षद को अलग किया गया। मामले की गम्भीरता को देखते हुए इसकी जानकारी नगर आयुक्त अविनाश सिंह और महापौर सीताराम जायसवाल को दी गई। नगर निगम की तरफ से कोतवाली पुलिस को आरोपी पार्षद के खिलाफ तहरीर दी जा रही है।
पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी का कहना है कि जनहित के मुद्दे पर उपनगर आयुक्त के पास डस्टबिन की मांग को लेकर गए थे। मारपीट और गाली देने का आरोप पूरी तरह गलत है। पुलिस प्रशासन सीसीटीवी फुटेज से इसकी तस्दीक कर सकता है। पूरे घटना की वीडियो मेरे पास भी है।
महापौर सीताराम जायसवाल का कहना है कि वह नगर निगम गए नहीं थे। जंगल कौड़िया मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में था। वहां से निकलकर नगर निगम पहुंच रहे हैं। नगर आयुक्त से प्रकरण की जानकारी ले रहा हूं। नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि किसी को शिकायत है तो वह मुझसे कह सकता है। किसी अधिकारी से गलत व्यवहार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। महापौर से वार्ता के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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