• September 13, 2024
 पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को उम्रकैद की सज़ा

लखनऊ: शुक्रवार को एमपी-एमएलए अदालत ने सपा नेता गायत्री प्रजापति को उम्रकैद की सजा सुनाई। साल 2016 में चित्रकूट निवासी महिला सभासद ने तहरीर में बताया था कि वर्ष 2013 में उनकी मुलाकात पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति से चित्रकूट के राम घाट पर गंगा आरती के दौरान हुई।

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चित्रकूट गैंगरेप मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति उम्रकैद

चित्रकूट नाबालिग गैंगरेप मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। सामूहिक दुष्कर्म मामले में गायत्री प्रजापति को गुरुवार को दोषी ठहराया गया था जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें आजीवन कारावस की सजा सुनाई गई। गायत्री प्रजापति समेत तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है।  एमपी एमएलए की विशेष अदालत ने शुक्रवार देर शाम को यह सजा सुनाई।

महिला का आरोप था कि गायत्री ने 6 सहयोगियों के साथ मिलकर बेटी का रेप किया, कई बड़े अधिकारी से गुहार लगाने के बावजूद मामले को दर्ज नही किया। तहरीर में महिला ने बताया था कि पूरी घटना को मंत्री आवास पर अंजाम दिया गया।

7 अक्टूबर 2016 को उसने गौतमपल्ली थाने में तहरीर दी। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वह डीजीपी से भी मिली, लेकिन सरकार के दबाव में मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। इस पर उसने कोर्ट की शरण ली।

बता दें तहरीर में बताया गया कि वर्ष 2014 से लेकर 2016 तक पीड़िता के साथ आरोपियों ने सामूहिक दुराचार किया, जिसके बाद 16 फरवरी 2017 को पीड़िता की विशेष अनुमति याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने प्रदेश सरकार और पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

 

इसके साथ अभियुक्त चंद्रपाल, अमरेन्द्र सिंह उर्फ पिंटू और रूपेश्वर उर्फ रूपेश के विरुद्ध धारा 176 डी, 354ए(1), 509, 504 एवं 506 भारतीय दंड संहिता का आरोप निर्मित किया गया।

कोर्ट ने 2 नवंबर 2021 को सभी आरोपियों का बयान दर्ज किया। आरोपियों के बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष की ओर से अंतिम बहस सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रखा था जिसके बाद आज कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई।

 

दो-दो लाख रुपये का लगाया गया जुर्माना

तीनों पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। विशेष अदालत ने तीनों को धारा 376 डी एवं 5जी/6 पास्को एक्ट में दोषी करार दिया गया है।  बता दें कि इस मामले में विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश बरी किया गया था।

क्या था मामला ?

गायत्री प्रसाद प्रजापति समाजवादी सरकार में खनन मंत्री रह चुके हैं। गायत्री प्रजापति और 6 अन्य लोगों पर चित्रकट की एक महिला ने उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप करने का आरोप लगाया था। पीड़ित महिला ने बताया था कि 2013 में चित्रकूट में गंगा आरती के कार्यक्रम में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से एक काम के सिलसिले में मिली थी। उसे उसके एक करीबी ने गायत्री से मिलवाया था। इसके बाद गायत्री प्रजापति के लखनऊ आवास पर आने-जाने लगी। महिला ने बताया कि उसके साथ 2014 से 2016 तक गैंगरेप किया गया।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दर्ज हुई थी FIR

महिला ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी के साथ भी गैंगरेप किया गया था। जब उसकी बेटी के साथ ये सब हुआ तो वो बर्दाश्त नहीं कर सकी 18 फरवरी 2017 को उसने केस दर्ज कराया था। परिवार को FIR दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा था. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गायत्री प्रजापति के खिलाफ गौतमपल्ली में एफआईआर हुई थी। फिर गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

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