गोरखपुर। प्रधानमंत्री के जनपद आगमन की तैयारियां जोरों पर हैं। आठ हजार करोड़ की लागत से बना गोरखपुर खाद कारखाना जल्द की खाद उत्पादन का कार्य शुरु कर देगा। अब इंतजार है तो बस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिनके हाथों फर्टिलाइजर का उद्धाटन सात दिसंबर को होना है। सात दिसंबर को प्रधानमंत्री विश्व के सभी खाद कारखानों में सबसे ऊंचे प्रिलिंग टॉवर वाले गोरखपुर खाद कारखाने का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री एम्स और बीआरडी में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर का भी लोकार्पण भी करेंग। प्रधानमंत्री पूरेे दो घंटे शहर में रहेंगे।
एचयूआरएल के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारियों में एचयूआरएल प्रबंधन जुट गया है। कारखाना उत्पादन के लिए तैयार है और पीएम के आगमन के पहले गुरुवार को प्लांट चलाकर एक बार इसका ट्रायल भी किया गया। खाद कारखाना के निर्माण में आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। उन्होंने बताया कि एचयूआरएल देश में तीन बड़े खाद कारखानों का निर्माण करा रहा है। तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपये से तैयार हो रहे इन तीनों कारखानों में से गोरखपुर खाद कारखाना सबसे पहले शुरू होने जा रहा है।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि प्लांट में बना प्रिलिंग टॉवर विश्व भर के खाद कारखानों की तुलना में सबसे ज्यादा ऊंचा है। इसकी ऊंचाई 149.5 मीटर और व्यास 28 से 29 मीटर है। पाइप लाइन से आने वाली प्राकृतिक गैस और नाइट्रोजन के रिएक्शन से अमोनिया का लिक्विड तैयार किया जाएगा। अमोनिया के इस लिक्विड को प्रिलिंग टॉवर की 117 मीटर ऊंचाई से गिराया जाएगा।
इसके लिए ऑटोमेटिक सिस्टम तैयार किया गया है। अमोनिया लिक्विड और हवा में मौजूद नाइट्रोजन के रिएक्शन से यूरिया छोटे-छोटे दानों के रूम में प्रिलिंग टॉवर के बेसमेंट से बाहर आएगा। इसके बाद यूरिया के दानों पर नीम का लेप चढ़ाने के बाद उसे पैक किया जाएगा।
खाद बनाने के साथ ही आसपास के क्षेत्रों का विकास भी करेगा कारखाना प्रबंधन
प्रबंध निदेशक ने बताया कि एचयूआरएल गोरखपुर के नागरिकों के साथ भी जुड़ा है। दो आक्सीजन प्लांट, सामुदायिक भवन, 24 करोड़ की लागत से बच्चों के लिए आइसीयू, 12 स्कूलों में शुद्ध जल की व्यवस्था, सोनबरसा में 13 करोड़ की लागत से माडल गांव, रामगढ़ताल का सुंदरीकरण कर मुंबई के मरीन ड्राइव की तरह बनाने समेत अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। इस दौरान सीनियर वाइस प्रेसीडेंट वीके दीक्षित, एजीएम प्रोजेक्ट एसबी सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित आदि मौजूद रहे।
कालाबाजारी नहीं होने देंगे
प्रबंध निदेशक ने कहा कि 45 किलोग्राम वजन के नीम कोटेड यूरिया की कीमत 266.50 रुपये तय की गई है। यह अपना यूरिया उगले सोना नाम से बिकेगी। एचयूआरएल प्रबंधन लगातार बिक्री की मानिटङ्क्षरग करेेगा।
46 महीने में पूरा हुआ काम
प्रबंध निदेशक ने बताया कि एचयूआरएल ने रिकार्ड समय में खाद कारखाना का निर्माण कराया। 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाद कारखाना का शिलान्यास किया था। 27 फरवरी 2018 को काम शुरू कराया गया था। इसे बनाने के लिए 38 महीने का समय मिला था। कोरोना संक्रमण की दो लहर के कारण थोड़ी देर हुई। इसके बाद भी 46 महीने में काम पूरा करा लिया गया। खाद कारखाना में 13 लाख टन नीम कोटेड यूरिया का हर साल उत्पादन होगा।
खाद कारखाना के निर्माण में खर्च हुए हैं आठ हजार करोड़ रुपये
एचयूआरएल परिसर में प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर पत्रकारों से बात की। उन्होंने बताया कि खाद कारखाना के निर्माण में आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं। काम पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री के आने के पहले ट्रायल कर नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन किया जाएगा। प्रबंध निदेशक ने बताया कि एचयूआरएल को देश में तीन बड़े खाद कारखाना के निर्माण का काम सौंपा गया था। करीब 25 हजार करोड़ के इन प्लांटों में से गोरखपुर का प्लांट शुरू होने जा रहा है। दो अन्य प्लांट अगले साल अप्रैल से पहले शुरू हो जाएंगे। प्लांट में बना प्रीलिंग टावर विश्व में सबसे अधिक ऊंचा है। प्रीलिंग टावर से खाद के दाने नीचे आएंगे तो इनकी क्वालिटी सबसे अ’छी होगी। नीम कोटेड यूरिया से खेतों की उर्वरा शक्ति और बढ़ेगी।
लड़कियों के हाथ होगी कमान
प्रबंध निदेशक ने बताया कि खाद कारखाना में 30 फीसद से ज्यादा पूर्वांचल के युवाओं को नौकरी दी गई है। इनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है। यही लड़कियां खाद कारखाना चलाएंगी। रात में भी लड़कियां काम करेंगी।
खाद कारखाना ज्वाइन करने वाली आर्यनगर की शुचि त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष 2019 से खाद कारखाना में काम कर रही हूं। अपने शहर के विकास में भागीदार बनने पर गर्व हो रहा है। देवरिया जिले के बरहज की अनुराधा जायसवाल ने कहा कि खाद कारखाना पूर्वांचल का गौरव है। इससे जुडऩा हर्ष का विषय है। ऐश्वर्या शाही ने कहा कि खाद कारखाना शुरू होने को लेकर सभी उत्साहित हैं। हमें काम करने का मौका मिला इसके लिए एचयूआरएल का आभार। जयपुर की अंकिता चौधरी, कानपुर की प्रिया यादव आदि भी उत्साहित दिखीं।
50 मीटर लंबे जर्मन हैंगर में 8.50 फीट की ऊंचाई पर मंच
खाद कारखाना परिसर से करीब एक किलोमीटर प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। 50 मीटर लंबे जर्मन हैंगर में साढ़े आठ फीट की ऊंचाई पर प्रधानमंत्री का मंच बन रहा है। प्रधानमंत्री के साथ ही केंद्रीय उर्वरक मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि के लिए सेफ हाउस का भी निर्माण शुरू कर दिया गया है। प्रधानमंत्री का हेलीकाप्टर सशस्त्र सीमा बल के परिसर में उतरेगा। यहां से वह सड़क मार्ग से जनसभा स्थल पर पहुंचेंगे।