नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने एक 4 महीने की बच्ची को जहांगीरपुरी इलाके से रेस्क्यू किया है, जिसे उसके पिता ने तब बेच दिया था जब वह केवल 6 दिन की थी। आयोग को इस घटना की सूचना मिलते ही तुरंत एक टीम बनाई और दिल्ली पुलिस से संपर्क किया। दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर महिला आयोग की एक टीम ने बेची गई बच्ची की मां से संपर्क किया।
आयोग को बच्ची की मां ने बताया कि, वह मिर्गी की मरीज है और जब उसकी बेटी का जन्म हुआ तो उसके पति ने उसे मधु नाम की एक महिला को बेच दिया और उसे छोड़कर रांची चला गया। वहीं इससे पहले भी, जब उसने एक बेटी को जन्म दिया था, तो उसके पति ने बेटी को दूर के रिश्तेदार को दे दिया और बाद में उस बच्ची की मृत्यु हो गई थी।
दिल्ली महिला आयोग की शिकायत पर शाहबाद डेयरी पुलिस थाने में मामले में पहले एक एफआईआर दर्ज की गई।
दिल्ली पुलिस ने बाद में मधु नाम की महिला से पूछताछ की, जिसने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने पानीपत, हरियाणा में बच्ची को बेच दिया था।
वहीं जब बच्ची को ढूंढने का प्रयास किया तो एक वकील के घर से बच्ची को रेस्क्यू किया गया। पूछताछ के दौरान वकील ने बताया कि उन्होंने पानीपत से महेश नाम के एक आदमी और मीनाक्षी नाम की महिला के जरिए बच्ची को खरीदा था।
बच्ची की तुरंत उचित मेडिकल जांच कराई गई और उसको एक शेल्टर होम में रखा गया है। आगे की कार्रवाई के लिए बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जाएगा।
इस मामले में हफ्ता भर गुजर जाने के बावजूद अब तक कोई गिरफ्तारी ना होने पर आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है और गिरफ्तारी न होने का कारण पूछा है।
डीसीडब्ल्यू अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिता ने अपनी ही 6 दिन की बच्ची को बेच दिया। दिल्ली पुलिस को मामले की गहन जांच करनी चाहिए और जांच कर इसमें शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए।
पुलिस को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि क्या इसमें शामिल लोग तस्करी के बड़े रैकेट का हिस्सा हैं और उन्होंने अब तक कितने बच्चे बेचे हैं और अगर ऐसा पाया जाता है तो उन्हें भी रेस्क्यू करने की पूरी कोशिश की जानी चाहिए।