
खबरी इंंडिया, गाेेेेेरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह के मार्गदर्शन में सेल्फ फाइनेंस कोर्स के डायरेक्टर, कोआर्डिनेटर, गेस्ट फैकल्टी समेत विश्वविद्यालय के अधिकारियों की ऑनलाइन बैठक का आयोजन बुधवार को किया गया। बैठक के दौरान कक्षाओं के संचालन और परीक्षाओं के आयोजन पर विस्तृत चर्चा हुई।
कुलपति प्रो राजेश सिंह ने कहा कि स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम विश्वविद्यालयीय व्यवस्था को सुदृढ करने में रीढ की हड्डी साबित होंगे। कोर्स के संचालन के साथ पठन पाठन की व्यवस्था को बेहतर बनाने की हर संभव कोशिश की जाएगी। विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शोध और सुविधाएं देने के लिए हम तैयार हैं।
कुलपति ने प्रत्येक स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के कोऑर्डिनेटर एवं शिक्षकों के साथ सिलसिलेवार चर्चा की।
ऑनलाइन बैठक में लैब और क्लास रूम के त्वरित निर्माण, शिक्षकों को आवास आवंटन सहित, विद्यार्थियों को होस्टल आवंटन के साथ अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।
पहले सेमेस्टर में जिन कोर्स का पाठ्यक्रम पूरा हो गया है उनकी परीक्षाएं 17 जनवरी से आयोजित परीक्षाओं के साथ संपन्न कराई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि कृषि में संचालित कोर्स को आईसीएआर के मानकों के अनुरूप मेजर और माइनर कोर्स को बोर्ड ऑफ स्टडीज से अनुमोदन कराकर भेजे जिससे अगले सेमेस्टर में हम कोर्स को और समृद्ध करें। कृषि संकाय के कोऑर्डिनेटर प्रो अजय सिंह को कहा गया कि वो सलाहकार समिति के गठन का प्रस्ताव भेजें। स्ववित्तपोषित कोर्सेज के डायरेक्टर प्रो विनय सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 75 से अधिक पाठ्यक्रम तैयार कराने के साथ साथ उनका संचालन करने की दिशा में विश्वविद्यालय ने कदम बढाया है। बीटेक, बीएससी एजी, बीकॉम बैकिंग इंश्योरेंस जैसे कोर्स ने विद्यार्थियों के बीच तेजी से लोकप्रिय हुए हैं। इसके साथ ही गेस्ट फैकल्टी के रूप में शिक्षकों को तैनाती दी गई है। कक्षाओं का सुचारू रूप से संचालन किया हा रहा है।
कृषि के समन्वयक ने कहा कि 75 फीसदी से अधिक कोर्स पूरा हो गया है। जनवरी के आखिरी सप्ताह तक परीक्षाओं के आयोजन को लेकर विभाग तैयार है। लैब, शिक्षक कक्ष का निर्माण तेजी से चल रहा है।
इंजीनियरिंग के समन्वयक प्रो लल्लन यादव ने कहा कि सीएस, आईटी, ईसीई और मैकेनिकल इंजीनियरिंग का 80 फीसदी कोर्स पूरा हो गया है। इस दौरान लैब निर्माण और उनके क्रय की प्रगति भी बताई। होटल मैनेजमेंट एवं कैटरिंग, बीए एलएलबी, एमबीए, बीबीए, बीसीए के साथ बीजे इत्यादि कोर्सेज के संचालन एव परीक्षा पर विस्तृत चर्चा की गई।
कुलसचिव ने कहा कि स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम आने वाले समय में विश्वविद्यालय में शिक्षा, रोजगार का एक बेहतर मंच के रूप में विकसित होगा। सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। वित्त अधिकारी ने भी स्ववित्तपोषित कोर्सेज के संचालन से जुड़ी समस्याओं के निदान का आश्वासन दिया।
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