DDU Gorakhpur : प्रोफेसर कमलेश गुप्ता के निलंबन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ छात्रों के बाद अन्य शिक्षकों ने भी अब मोर्चा खोल दिए हैं। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन संवाद का रास्ता चुनने के बजाए कुलपति अमेरिकी यात्रा पर रवाना होने की तैयारी में है, जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर का राजनीतिक तापमान चरम पर है।
खबरी इंडिया, गोरखपुुुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) के कुलपति प्रो. राजेश सिंह के खिलाफ अब तक फेसबुक, ट्विटर से लेकर राजभवन तक मोर्चा खोलने वाले हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने मंगलवार को सत्याग्रह शुरू कर दिया। आंदोलन को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया है। उनका साथ देने वाले सात शिक्षकों को भी नोटिस जारी किया गया है। साथ ही विवि में किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।
10 दिनों की अमेरिका यात्रा पर निकले कुलपति
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह 10 दिनों की विदेश यात्रा पर अमेरिका जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान प्रो सिंह अमेरिका के कुछ बहुप्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों में भी जाएंगे। इस यात्रा के दौरान कुलपति यूनिवर्सिटी आफ मैरीलैंड कॉलेज पार्क, जॉन होपकिंग्स यूनिवर्सिटी में जाकर कई शैक्षणिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर ली गयी है। दोनों शैक्षणिक संस्थानों की यात्रा के दौरान कुलपति जी के द्वारा विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिये समझौतो के लिए प्रयास किया जायेगा। बता दे कि मेरीलैंड यूनिवर्सिटी रिसर्च, एंटरप्रेन्योरशिप और इनोवेशन की ग्लोबल लीडर है। जहाँ 40,700 विद्यार्थी, 4 लाख पुरातन छात्र, 14 हज़ार फैकल्टी और स्टाफ मौजूद हैं।
प्रो. कमलेश कुमार गुप्त के निलंबन और सात शिक्षकों को कारण बताओ नाटिस जारी किए जाने की खबर पाकर मंगलवार की रात करीब 10 बजे सभी छात्रावासों के छात्र आंदोलित हो उठे। सड़क से लेकर विवि के मुख्य द्वार तक करीब सवा घंटे तक प्रदर्शन किया। प्रो. कमलेश गुप्त के निलंबन की खबर छात्रावासियों को शाम को हो गई थी। उसके बाद छात्र इस मुद्दे पर प्रो. कमलेश गुप्त का साथ देने के लिए मुखर होने लगे थे। सहमति के बाद करीब 10 बजे सभी छात्रावासी बाहर निकल गए। वहां से हीरापुरी कॉलोनी, रेलवे बस स्टैंड, यूनिवर्सिटी चौराहा होते हुए पौने 11 बजे विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे। वहीं धरने पर बैठ गए। छात्रों के धरने की खबर पाकर कैंट पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और छात्रों को समझाने लगी। धरने के दौरान छात्रों ने निर्णय लिया कि बुधवार से वे प्रो. कमलेश के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने के लिए अलग-अलग तरकीब अपनाएंगे।
इन आरोपों में निलंबित हुए प्रोफेसर
प्रोफेसर कमलेश गुप्ता पर आरोप है कि वे विश्वविद्यालय के पठन पाठन के माहौल को खराब कर रहे थे। साथ ही उनपर बिना सूचना आवंटित कक्षाओं में समय सारिणी के अनुसार न पढ़ाने, असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए टिप्पणी करने, विद्यार्थियों को अपने घर बुलाकर घरेलु कार्य कराने व उनका उत्पीड़न करने, जो विद्यार्थी उनकी बात नहीं सुनते है उसको परीक्षा में फेल करने की धमकी देने, महाविद्यालयों में मौखिकी परीक्षाओं में धन उगाही करने की शिकायत प्राप्त होने, विभाग के लड़कियों के प्रति उनका व्यवहार मानसिक रूप से ठीक नहीं रहने और नई शिक्षा नीति, नए पाठ्यक्रम तथा सीबीसीएस प्रणाली के बारे में दुष्प्रचार करने, सोशल मीडिया पर बिना विश्वविद्यालय के संज्ञान में लाए भ्रामक प्रचार फैलाने, अनुशासनहीनता एवं दायित्व निर्वहन के प्रति घोर लापरवाही और कर्तव्य विमुखता का आरोप है।
पहले भी प्रोफेसर को जारी हो चुके हैं 8 नोटिस
आरोप है कि उनके खिलाफ समय समय पर कुलसचिव की ओर से 8 नोटिस जारी किए गए हैं। मगर उनकी ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। उनके द्वारा लगातार सोशल मीडिया पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन और अधिकारियों की गरिमा को धूमिल किया जा रहा है। जिसके बाद उनका आचरण विश्वविद्यालय के परिनियम के अध्याय 16(1) की धारा 16 की उपधारा, 2, 3 व 4, और उत्तर प्रदेश सरकार के कंडक्ट रूल 1956 के विरुद्ध पाए जाने पर कार्रवाई करने का दावा किया गया है।
दीपक त्यागी बने हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष
कुलसचिव ने बताया कि हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार राय का तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण हो गया है। उनकी जगह विभागाध्यक्ष बनने वाले वरिष्ठ प्रोफेसर कमलेश गुप्ता का निलंबन हो गया, लिहाजा अब प्रोफेसर दीपक प्रकाश त्यागी को दिनांक 29.12.2021 से तीन वर्ष के लिए अगले आदेश तक विभागाघ्यक्ष बनाया गया है।
प्रोफेसर त्यागी हिंदी विभाग के साथ ही संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष का कार्य भार देखेंगे। इसके अलावा वाण्ज्यि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर अवधेश कुमार तिवारी के आगामी 02.01.2022 को सेवानिवृत्त होने के कारण चक्रानुक्रम के अन्तर्गत वाणिज्य संकाय के वरिष्ठतम आचार्य प्रोफेसर विनय कुमार पाण्डेय को 3 जनवरी से अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय नियुक्त किया गया है।
6 महीने से प्रताड़ित कर रहा विश्वविद्यालय प्रशासन
दरअसल, प्रोफेसर कमलेश गुप्ता ने बीते करीब 6 महीने से विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। वे लगातार यूनिवर्सिटी प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। बीते कुछ महीनों पहले भी उन्होंने एक आडियो संदेश जारी करते हुए कुलपति और विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर के पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। प्रोफेसर कमलेश यहां यूनिवर्सिटी में हो रहे छात्रों के पक्ष में अक्सर खड़े नजर आते हैं, उनका आरोप है कि यह विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रताड़ित किया जाता है, जिसके वे लगातार काफी दिनों से शिकार हो रहे हैं। उन्होंने खुद पर हुई इस कार्रवाई को विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही बताया है।
वीसी पर लगाया छात्रों के भविष्य से खेलने का आरोप
प्रोफेसर गुप्ता ने कुलपति प्रो. राजेश सिंह पर प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताओं, गैरलोकतांत्रिक कार्यशैली, अपने में निहित शक्तियों के दुरुपयोग, घोर असंवेदनशीलता, नियमविरोधी मनमर्जी और देख लेने वाले आचार-व्यवहार के कारण विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी, शोधार्थी और अभिभावक तनावभरी जिंदगी जीने के लिए अभिशप्त करने का आरोप लगाया हैं।