उत्तर प्रदेश। कासगंज में पुलिस स्टेशन में एक शख्स की मौत के मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने दावा किया है कि पीड़ित ने स्टेशन के शौचालय में खुद को फांसी लगाने की कोशिश की और इसी कारण उसकी मौत हुई है।हालांकि मृतक के परिजनों ने मामले में पुलिसकर्मियों का हाथ होने की आशंका व्यक्त की है।पूरा मामला क्या है, आइए आपको बताते हैं।
प्रदेश के कासगंज जनपद की सदर कोतवाली की हवालात में बंद एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने तुल पकड़ लिया है। पुलिस जहां इसे आत्महत्या बता रही हैं वहीं अल्ताफ के परिजनों का कहना है कि उसकी हत्या की गई है।
5.6 फीट का अल्ताफ, नाड़े से बाथरूम की 2 फीट ऊंची टौंटी से लटक गया और मर गया, सिंपल।
यूपी में रोज ऐसी कितनी घटिया स्क्रिप्ट लिखी जाती हैं।
गत माह आगरा में अरुण बाल्मिकी की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी, तो यही स्क्रिप्ट।
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— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) November 10, 2021
बताया जा रहा है कि एक लड़की को भगाने मामले में अल्ताफ को पूछताछ के लिए सोमवार को पुलिस चौकी नदरई गेट लाया गया था। अल्ताफ के पिता के मुताबिक, उन्होंने खुद जाकर अपने बेटे के पुलिस के हवाले किया था।
हालांकि, पुलिस का कहना है कि अल्ताफ पूछताछ के दौरान बाथरूम गया जहां उसने अपने हुडी के नारे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल, एसपी रोहन पी। बोत्तरे लापरवाही के आरोप में कासगंज कोतवाल समेत दो दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
मृतक का नाम अल्ताफ था जो सदर कोतवाली क्षेत्र के नगला सय्यैद अहरोली के निवासी थे। अल्ताफ के पिता का नाम चाहत मियां है। पिता ने बताया, “मेरे बेटे को एक दिन पहले लड़की भगाने के आरोप में सोमवार को पूछताछ के लिए चौकी नदरई गेट लेकर आया गया था। वही, मौके पर मैं भी पहुंचा था, जहां से मुझे डांटकर भगा दिया गया। जिसके बाद मेरे बेटे को बड़े थाने (कोतवाली) लाया गया, जहां पर मेरे बेटे को पुलिस वालों ने फांसी लगा दी।”
बताया जा रहा है कि अल्ताफ के फांसी लगाने के बाद पुलिस युवक को जिला अस्पताल लेकर गई, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चाहत मियां का कहना है कि उन्होंने लड़की भगाने के शक में सोमवार को नदरई गेट चौकी पुलिस को खुद सौंपा था। उन्होंने बताया, “खुद अपने हाथों से बेटे को पकड़ दिया था, जब मैं दोबारा चौकी पर गया तो पुलिस वालों ने मुझे डांटकर भगा दिया। 24 घंटे बाद मुझे पता चला कि कि मेरे बेटे की फांसी लगाकर हत्या कर दी गई है।”
वहीं, पुलिस अधीक्षक रोहन पी. बोत्रे ने मीडिया को बताया, “कासगंज कोतवाली के गांव एरोली के रहने वाले अल्ताफ को एक लड़की भगाने के आरोप में पूछताछ के लिए लाया गया था। जब पुलिस पूछताछ कर रही थी तभी उसने पुलिसकर्मी से बाथरूम जाने की बात कही।”
उन्होंने आगे कहा “पुलिसकर्मी ने उसे हवालात के अंदर बने बाथरूम में भेज दिया, जहां कुछ देर तक बाहर न आने पर कर्मचारी ने अंदर जाकर देखा। वहां, उसने ‘जैकेट के हुड (टोपी) में लगे नाड़े को पाइप से बांधकर’ अपना गला कस लिया था। जिसके बाद उसके गले से डोरी खोलकर तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां पर कुछ देर उपचार होने के बाद उसकी मौत हो गई।”
पुलिस की थ्योरी पर उठे सवाल
हालांकि, पुलिस की थ्योरी पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने पुलिस के दलील को घटिया स्क्रीप्ट बताया है। उन्होंने लिखा है, “5.6 फीट का अल्ताफ, नाड़े से बाथरूम की 2 फीट ऊंची टोंटी से लटक गया और मर गया, सिंपल। यूपी में रोज ऐसी कितनी घटिया स्क्रिप्ट लिखी जाती हैं। गत माह आगरा में अरुण बाल्मिकी की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी, तो यही स्क्रिप्ट। कोई पद्मश्री बची है, क्या?”