मिशन निदेशक ने पत्र जारी कर दिये हैं दिशा-निर्देश
लाभार्थी दो बार कर सकते हैं परिवर्तन का अनुरोध
जिला प्रतिरक्षण कार्यालय से मिलेगी स्वीकृति
खबरी इंडिया, गोरखपुर।
अगर किसी के कोविड टीकाकरण सर्टिफिकेट में कोई त्रुटि रह गयी है तो वह छह विकल्पों के जरिये सर्टिफिकेट में सुधार कर सकता है । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक ने पत्र जारी कर इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिये हैं । पत्र के अनुसार लाभार्थी अधिकतम दो बार परिवर्तन का अनुरोध कर सकते हैं और इसकी स्वीकृति जिला प्रतिरक्षण कार्यालय से ही प्राप्त होगी ।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एएन प्रसाद ने पत्र की पुष्टि करते हुए बताया कि सुधार के लिए सबसे पहले इंटरनेट ब्राउजर पर कोविन डॉट जीओवी डॉट इन टॉइप करना होगा । पोर्टल खुलने के बाद होम पेज के ऊपर दायें कोने पर रजिस्टर या साइन इन ऑप्शन को क्लिक करना होगा । इसके बाद लॉगिन पेज पर वह मोबाइल नंबर डालेंगे जिससे टीकाकरण करवाया गया है और प्राप्त छह अंकों की ओटीपी दर्ज करेंगे । इसके बाद लाभार्थी को अपनी प्रोफाइल और टीकाकरण की स्थिति दिखाई देगी । अगर लाभार्थी को कोई सुधार करना है तो उसे पेज पर ऊपर दायीं ओर रेज एन इश्यू ऑप्शन पर क्लिक करना होगा । इसके बाद सुधार के लिए लाभार्थी को छह विकल्प प्राप्त होंगे ।
यह होंगे छह विकल्प
• नाम, आयु, लिंग, फोटो आईडी में से एक बार में किन्हीं दो त्रुटियों को सुधारने के लिए ऑप्शन एक के जरिये मदद मिलेगी ।
• सर्टिफिकेट मर्जिंग जैसे प्रथम डोज के दो सर्टिफिकेट (अलग-अलग मोबाइल नंबर या आईडी से निर्गत) होने पर अंतिम सर्टिफिकेट प्राप्त करने में मर्ज करने में ऑप्शन दो से मदद ली जाएगी ।
• विदेश यात्रा के लिए अन्य आईडी को पासपोर्ट विवरण से रिप्लेस करने में ऑप्शन तीन मददगार होगा।
• यदि किसी अज्ञात लाभार्थी द्वारा किसी के मोबाइल नंबर से पंजीकरण किया गया हो तो उसे अपने मोबाइल नंबर से डी लिंक करने का अनुरोध ऑप्शन चार से होगा ।
• पंजीकृत मोबाइल नंबर में बदलाव के लिए ऑप्शन पांच का चुनाव करेंगे ।
• सर्टिफिकेट दोबारा डाउनलोड (यदि सर्टिफिकेट में दोनों डोज एक ही या कोई भी दिनांक अंकित न हो) करने के लिए ऑप्शन छह का इस्तेमाल होगा ।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी करेंगे अनुमोदन
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे का कहना है कि शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार लाभार्थी द्वारा सर्टिफिकेट में सुधार के लिए किये गये प्रतिवेदन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को पोर्टल पर दिखाई देंगे । उनके स्तर से ही प्रतिदिन ऐसे प्रतिवेदन पर कार्यवाही की जाएगी । पोर्टल के जरिये संशोधन होने में दिक्कत होने पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी कार्यालय संपर्क किया जा सकता है ।