
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यूपी सरकार जहां कर्मचारियों के तीन वर्ष पूरा होने पर उनकी सूची तैयार कर उनका तबादला कर रही है, वहीं, यहां जिला कृषि अधिकारी में तैनात उर्वरक लिपिक नवरत्न सिंह लगातार 20 साल से एक ही जगह पर तैनात हैं। लिपिक पर भ्रष्टाचार, घूसखोरी और खाद विक्रेताओं पर उत्पीड़न का भी आरोप है। ऐसे में आईएफएफडीसी व इफको उर्वरक विक्रेता संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने इसकी लिखित शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। मांग है कि तत्काल लिपिक को गोरखपुर से हटाकर किसी अन्य जिले में ट्रांसफर किया जाए।
वसूली का भी आरोप
इसके लिए आईएफएफडीसी व इफको उर्वरक विक्रेता संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने संयुक्त रुप से मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा है। जिसमें करीब 60 पदाधिकारियों व सदस्यों ने एक सुर में मांग की है कि गोरखपुर के भ्रष्टचार और घूसखोरी से काफी परेशान हैं। आरोप है कि लिपिक की ओर से खाद के स्टॉक एवं बिक्री रजिस्टर खुद की ओर से छपवाकर निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए व्यापारियों को कहा जाता है। जहां 50 रुपए का रजिट्रर 300 रुपए में बेचा जा रहा है। इसके साथ ही जिले के सभी व्यापारियों को बर्हल लाफ का सदस्य बनाकर 6600 रुपए का जबरदस्ती सामान दिलाया जाता है।
जिले से बाहर भेजने की मांग
संघ के अध्यक्ष प्रकाश सिंह ने बताया कि लंबे समय से एक ही विभाग में तैनात रहने से लिपिक का नेटवर्क विभाग में काफी मजबूत हो गया है। लिहाजा वे लगातार विक्रेताओं का उत्पीड़न कर रहे हैं। पदाधिकारियों व सदस्यों की मांग है कि उनका सिर्फ पटल परिवर्तन न किया जाए, बल्कि गोरखपुर से हटाकर किसी अन्य जिले में तबादला किया जाए। ताकि वे धन बल का प्रयोग कर फिर पुराने पटल पर न आ सकें। करीब 60 सदस्यों का यह सामूहिक पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही कृषि निदेशक और प्रमुख सचिव कृषि को भी भेजा गया है।
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