• January 26, 2025
 केंद्र का सभी राज्यों को निर्देश, ‘टेस्टिंग बढ़ाएं, RTPCR के रिजल्ट में देरी हो तो रैपिड एंटीजन टेस्ट करें’

पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र ने एक बार फिर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है जिसमें टेस्टिंग बढ़ाने के लिए कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण द्वारा लिखे गए पत्र में कई निर्देश दिए गए हैं।  उन्होंने लिखा कि देश के विभिन्न हिस्सों में संक्रमण दर में वृद्धि के साथ-साथ COVID-19 मामलों में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है। संदिग्ध रोगियों और उनके संपर्कों का शुरुआत में ही टेस्ट करना, कोरोना के नए वैरिएंट को रोकने के प्रमुख उपायों में से एक है।

08c43bc8-e96b-4f66-a9e1-d7eddc544cc3
345685e0-7355-4d0f-ae5a-080aef6d8bab
5d70d86f-9cf3-4eaf-b04a-05211cf7d3c4
IMG-20240117-WA0007
IMG-20240117-WA0006
IMG-20240117-WA0008
IMG-20240120-WA0039

टेस्टिंग बढ़ाएं, RTPCR के रिजल्ट में देरी हो तो RAT करें’

मंत्रालय ने कहा कि पिछले अनुभव के आधार पर, यह देखा गया है कि यदि कोरोना मामलों की संख्या एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाती है, तो RTPCR आधारित टेस्ट से जांच की पुष्टि करने में देरी होती है, क्योंकि इसका टर्नअराउंड समय लगभग 5-8 घंटे है। इसलिए, आपको (राज्यों) ऐसी विशिष्ट परिस्थितियों में रैपिड एंटीटेन टेस्ट (आरएटी) के व्यापक इस्तेमाल द्वारा टेस्ट बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

भारत में बढ़े कोरोना के मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय के ये निर्देश ऐसे समय में आए हैं जब शुक्रवार को भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वैरिएंट के 309 नए मामले सामने आ चुके हैं। इसी के साथ ओमिक्रॉन वैरिएंट के कुल मरीजों की कुल संख्या 1,270 हो गई है। यही नहीं पिछले 24 घंटे में भारत में कोविड-19 के 16,764 नए मामले आए और 220 मरीजों ने जान गंवाई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर टेस्टिंग में तेजी लाने को कहा क्योंकि भारी दबाव के कारण आरटी-पीसीआर नतीजों में समय लग सकता है। ऐसे मामलों में, सरकारों को तेजी से एंटीजन परीक्षण बढ़ाना चाहिए और लोगों को स्व-परीक्षण किट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिन्हें सरकार द्वारा अप्रूव किया गया है।

इन सभी लक्षणों की हो जांच

खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द, स्वाद या गंध की कमी, थकान और दस्त के साथ बुखार वाले किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 का संदिग्ध मामला माना जाना चाहिए, जब तक कि पुष्टि न हो जाए। केंद्र ने कहा कि ऐसे सभी व्यक्तियों का परीक्षण किया जाना चाहिए।  जिन लक्षणों की जांच की जरूरत है, उन्हें सूचीबद्ध करते हुए केंद्र ने कहा कि उनके नतीजे आने में देर है, तो उन्हें आइसोलेट करने और स्वास्थ्य मंत्रालय के होम आइसोलेशन दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी जानी चाहिए।

‘भारत सरकार से स्वीकृत धन का करें इस्तेमाल’

स्वास्थ्य सचिव ने अपने पत्र में लिखा, “अभी तक, भारत में 3117 मॉलिक्यूलर टेस्टिंग प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है, जिसमें 2014 RTPCR, 941 TrueNat, 132 CBNAAT और 30 अन्य टेस्टिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं। अनुमानित राष्ट्रीय दैनिक मॉलिक्यूलर टेस्टिंग क्षमता प्रति दिन 20 लाख से अधिक है। आपको सलाह दी जाती है कि मौजूदा  मॉलिक्यूलर टेस्टिंग क्षमता का पूरी तरह से इस्तेमाल करके अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 के टेस्टिंग को बढ़ाएं। इसके अलावा, आप आवश्यक  टेस्टिंग उपकरणों की खरीद में तेजी लाएं और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अपने राज्य / केंद्र शासित प्रदेश को स्वीकृत धन से BSL-2 प्रयोगशाला बुनियादी ढांचे की स्थापना कर सकते हैं।”

Youtube Videos