
उत्तर प्रदेश गोरखपुर मं बीआरडी मेडिकल कालेज से एक बड़ी खबर आई है। यहां तैनात महिला लिपिक को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। उस पर आरटीआई की सूचना देने में लापरवाही का आरोप लगा है। यह सूचना वर्ष 2018 में दी गई थी। उस समय महिला लिपिक आरटीआई पटल पर तैनात थी। सूचना तत्कालीन बालरोग विभाग के इंसेफेलाइटिस वार्ड के प्रभारी डॉ. कफील खान के लिए मांगी गई थी। आरोप है कि इस सूचना से अदालत की कार्रवाई में उन्हें मदद मिल गई।
जेल में रहने के दौरान डॉ. कफील ने लगाई थी RTI
दरअसल, गोरखपुर आक्सीजन कांड के आरोपी डॉ. कफील खान जब जेल में थे तो उन्होंने आरटीआई के तहत बीआरडी मेडिकल कॉलेज से कुछ डिटेल मांगी थी। उनके प्रार्थना पत्र में यह कहा गया था कि वे जेल में होने के कारण कॉलेज में उपस्थित नहीं हो सकते, लिजाहा उन्हें आरटीआई का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने अपने प्रार्थना पत्र में कहा था कि आरटीआई में मांगे गए दस्तावेजों से उन्हें जमानत में मदद मिल जाएगी।
RTI में नहीं दिए गए सही तथ्य
इसके बाद बीआरडी प्रशासन ने डॉ. कफील के प्रार्थना पत्र से शासन को अवगत करा दिया, लेकिन शासन की ओर से इस दिशा में कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि इस बीच महिला लिपिक ने आरटीआई के नोडल अधिकारी के सहमति के बगैर ही सूचना डॉ. कफील खान को दे दी। जबकि सूचना में सही तथ्य भी नहीं दिए गए। जिसका फायदा उन्हें अदालत में हुआ। ऐसे में इस मामले की जांच में दोषी पाए जाने के बाद महिला लिपिक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
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