शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई करने के बाद गोरखपुर के डीएम ने 62 आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग ने हटाने का निर्देश दिया है। डीएम के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इनकी सेवा समाप्त करने की तैयारी शुरू कर दी है।
गोरखपुर, खबरी इंडिया। गोरखपुर में 62 आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग ने हटाने का फैसला लिया है। डीएम विजय किरन आनंद के बार-बार निर्देश के बाद भी ये काम में लापरवाही कर रही थीं। डीएम के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इनकी सेवा समाप्त करने की तैयारी शुरू कर दी है।
आयोग चयनित शिक्षकों की शैक्षिक अर्हता की होगी जांच
उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज द्वारा टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) विषय के चयनित अभ्यर्थियों की शैक्षिक अर्हता की जांच के उपरांत ही उन्हें आवंटित संस्था में नियुक्ति पत्र निर्गत कर कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। बोर्ड ने इसको लेकर डीआइओएस को निर्देश दिए हैं। डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया ने बताया कि बोर्ड के निर्देश पर गठित जांच समिति के समक्ष शैक्षिक अर्हता की जांच के लिए विषयवार तिथि निर्धारित कर दी गई है। इसके तहत 16 नवंबर को हिंदी, गृह विज्ञान, कला, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत, गणित एवं वाणिज्य, 17 नवंबर को अंग्रेजी विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, जीव विज्ञान, उर्दू एवं कृषि, 22 नवंबर को गत 16 नवंबर को साक्षात्कार से छूटे अभ्यर्थियों तथा 23 नवंबर को 17 नवंबर को साक्षात्कार से छूटे अभ्यर्थियों के शैक्षिक अर्हता की जांच की जाएगी।
14 ब्लाकों में हो रही थी लापरवाही
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि 14 ब्लाकों की 62 आशा कार्यकर्ता कार्य में लापरवाही बरत रही थीं। इसकी वजह से इनके क्षेत्रों में कोविड वैक्सीन से लेकर सामान्य व ब’चों के नियमित टीकारकण में कमी आई है। इसे देखते हुए डीएम ने इन 62 लोगों की सेवा समाप्ति का निर्देश दिया है।
यहां की इतनी आशा हटाई जाएंगी
पिपरौली-10
भटहट-01
खोराबार- 02
उरुवा-02
गगहा-05
सरदार नगर- 03
ब्रह्मपुर-02
सहजनवां-01
डेरवा-13
खजनी- 01
बेलघाट-01
गोला-03
कौड़ीराम- 12
कैंपियरगंज- 06
प्रोत्साहन राशि दी जाए
आल इंडिया आशा बहू कार्यकर्ता कल्याण सेवा समिति की अध्यक्ष चंदा यादव ने शासन से मांग की है कि आशा कार्यकर्ताओं को शीघ्र प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए। इसे लेकर पिछले दिनों धरना-प्रदर्शन किया गया था। डीएम और सीएमओ के वार्ता के बाद धरना खत्म किया गया था। वार्ता के बाद भी अब तक प्रोत्साहन राशि पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि आशा और आशा संगिनी की शैक्षिक योग्यता भविष्य में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के समान वेतनमान दिया जाए। आशा के सहयोग के लिए प्रत्येक गांव में आशा सहायिका का पद सृजित किया जाए। उपकेंद्रों पर आशाओं के लिए अलग से कमरा दिया जाए। अगर ये सब मांगें नहीं मानी गईं तो संगठन आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी। आशा कार्यकर्ताओं के हित में हर संभव लड़ाई लड़ी जाएगी।