• March 17, 2025
 बौद्धिक क्रान्ति के प्रणेता थे राधा कमल मुखर्जी: प्रो. संगीता पाण्डेय

खबरी इंडिया, गोरखपुर। 

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गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में प्रसिद्ध समाजशास्त्री राधा कमल मुखर्जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में ‘राधा कमल मुखर्जी स्मृति व्याख्यान’ तथा विद्यार्थियों के बीच ‘निबन्ध प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. संगीता पाण्डेय ने कहा कि राधा कमल मुखर्जी ने समाजशास्त्र विषयक पाश्चात्य समाजशास्त्रियों की परम्परा से हटकर मूल्यों के समाजशास्त्र को स्थापना किया तथा मूल्यों को सामाजिक तथ्य के रूप मे प्रयोग करने पर बल दिया। वे एक बौद्धिक क्रांतिकारी थे, उन्होंने रीजनल सोशियोलॉजी नामक पुस्तक के द्वारा बताया कि सामाजिक यथार्थ को समझने में स्थानीयता का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने समाजशास्त्र के सन्दर्भ में मास्टर साइंस ऑफ सोसाइटी की बात कही है। प्रो. पाण्डेय ने कहा शीघ्र ही समाजशास्त्र विभाग में पाश्चात्य एवं भारतीय समाजशास्त्रियों से चित्र एवं विचार से संबंधित आर्ट गैलरी स्थापित की जाएगी।

विद्यार्थियों के बीच आयोजित “समाजशास्त्र में राधा कमल मुखर्जी का योगदान” विषयक निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मृत्युंजय जायसवाल, द्वितीय स्थान श्वेता पाण्डेय, तृतीय स्थान नम्रता मिश्रा तथा सांत्वना पुरस्कार अंकित चौधरी ने प्राप्त किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. पवन कुमार तथा आभार ज्ञापन शोधार्थी मंतोष यादव द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में विभागीय शिक्षक प्रो. विनोद कुमार श्रीवास्तव प्रो. सुभी धूसिया, प्रो. अंजू, डॉ. मनीष पांडेय, श्री दीपेंद्र मोहन सिंह, श्री प्रकाश प्रियदर्शी सहित अनेक शोधार्थी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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