• March 17, 2025
 मेंहदावल विधानसभा सीट पर निषाद पार्टी के अनिल कुमार त्रिपाठी ने जीत की दर्ज, SP उम्मीदवार जयचंद को हराया

 भाजपा-निषाद पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार अनिल त्रिपाठी पेशे से व्यवसायी हैं. त्रिपाठी 2017 में बसपा के टिकट पर मेंहदावल सीट से लड़े थे और बड़े अंतर से बीजेपी उम्मीदवार राकेश सिंह बघेल से हार गए थे.

मेंहदावल विधानसभा चुनाव परिणाम 2022 Live: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेंहदावल विधानसभा सीट (Menhdawal Assembly Seat) पर मतगणना पूरी हो गई है. जहां पर निषाद पार्टी के उम्मीदवार अनिल कुमार त्रिपाठी (Anil Kumar Tripathi) और सपा के जयचंद ( Jaichand Pandey) के बीच कड़ा मुकाबला है. वहीं, निषाद पार्टी के अनिल कुमार त्रिपाठी ने सपा के जयचंद को करीब 5 हजार से ज्यादा वोटो से हराया है.हालांकि, बसपा के उम्मीदवार मुहम्मद ताबीश खान ने भी कड़ी टक्कर देने की कोशिश की, लेकिन वे पीछे हो गए.

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दरअसल, संतकबीर नगर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला मेंहदावल विधानसभा सीट (Menhdawal Assembly Seat) पर पारंपरिक रूप से समाजवादी पार्टी (सपा) का कब्जा रहा है. हालांकि इस सीट से सुचेता कृपलानी और चन्द्रशेखर सिंह जैसे दिग्गज नेता भी चुनाव लड़ चुके हैं. 2017 में यहां से बीजेपी के राकेश सिंह बघेल विधायक बने थे. 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार अनिल कुमार त्रिपाठी को 42,914 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. मेंहदावल विधानसभा सीट से बीजेपी के वर्तमान विधायक राकेश सिंह बघेल का टिकट कट गया. यह सीट (Menhdawal Assembly Seatबीजेपी के गठबंधन सहयोगी निषाद पार्टी के हिस्से चला गया, जिसने अनिल कुमार त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी घोषित किया. सपा ने जयराम पांडेय को उम्मीदवार घोषित किया है तो वहीं कांग्रेस रफीका खातून और बसपा ने ताबिश खान को मैदान में उतारा है.

भाजपा-निषाद पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार अनिल त्रिपाठी पेशे से व्यवसायी हैं और संतकबीरनगर जनपद में राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे हैं. त्रिपाठी 2017 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर इस सीट (Menhdawal Assembly Seatसे लड़े थे और बड़े अंतर से बीजेपी उम्मीदवार राकेश सिंह बघेल से हार गए थे. त्रिपाठी ने 2007 के विधानसभा चुनाव में मेंहदावल विधानसभा सीट से ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप किस्मत आजमाई थी, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी. फिर 2012 में वो पीस पार्टी में शामिल हो गए और फिर से इसी सीट से चुनाव लड़े. उस चुनाव में वो दूसरे स्थान पर रहे. 2012 में वो बसपा में शामिल हो गए थे. इस बार उन्होंने भाजपा गठबंधन की निषाद पार्टी से टिकट लेने में कामयाबी हासिल की है.

1996 से 2012 तक था सपा का कब्जा

समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे जयराम पांडेय यहां के पुराने नेता हैं. जो क्षेत्रीय मुद्दों जैसे बखिरा के पीतल उद्योग की बदहाली, बाढ़ आदि को लेकर मैदान में हैं. चूंकि यहां से सपा का प्रभुत्व रहा है, लेकिन 2017 में भाजपा ने सीट पर कब्जा जमा लिया इसलिए उन्हें इस सीट (Menhdawal Assembly Seatको पुन: सपा के खेमे में लाने के लिए पुरजोर मेहनत करनी होगी. क्योंकि 1996 से 2012 तक विधानसभा चुनाव में यहां से सपा ने बाजी मारी है. वहीं बसपा ने यहां से खेसरहा विधानसभा से पूर्व विधायक ताबिश खान को मैदान में उतारा है.

1993 के बाद 2017 में भाजपा को मिली थी जीत

मेंहदावल विधानसभा (Menhdawal Assembly Seatसमाजवादी पार्टी की रही है. हालांकि अभी बीजेपी के राकेश सिंह बघेल विधायक हैं. 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार अनिल कुमार त्रिपाठी को 42,914 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. इस तरह, समाजवादी पार्टी पिछड़कर तीसरे स्थान पर चली गई. सपा प्रत्याशी जयचंद उर्फ जयराम पाण्डेय को सिर्फ 16.71 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. यहां से भाजपा के चंद्रशेखर सिंह ने 1989, 1991 और 1993 में जीत हासिल कर भगवा लहराया. उसके बाद यहां से भाजपा को 2017 में मौका हाथ लगा. अब भाजपा को अपनी बादशाहत बचाने व सपा को अपनी खोई प्रतिष्ठा फिर पाने के लिए जुगत लगानी होगी.

कुल मतदाता

मेंदावल विधानसभा (Menhdawal Assembly Seatमें कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 4 लाख 50 हजार है. यहां मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका में है.

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