
- यूपी में पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रकिया पर रोक
- नहीं जारी होगी आरक्षण सूची
- इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2021) को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया. हाई कोर्ट ने पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण प्रकिया पर अंतरिम रोक लगा दी. कोर्ट ने आरक्षण आवंटन को अगली सुनवाई तक के लिए रोक दिया है. इस मामले में यूपी सरकार सोमवार को जवाब दाखिल करेगी.
बता दें कि अजय कुमार की जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह फैसला लिया है. अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यह शासनादेश जारी किया.
आपको बता दें कि इससे पहले 17 मार्च को आरक्षण प्रकाशन होना था, लेकिन बताया जा रहा है कि इसमें 2015 के आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है. अजय कुमार बनाम राज्य सरकार के मामले में यह आदेश दिया गया है. साथ ही सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि अग्रिम आदेशों तक पंचायत समान्य निर्वाचन-2021 के लिए आरक्षण एवं आवंटन की कार्रवाही को अंतिम न किया जाए।
15 मार्च तक जारी होनी थी फाइनल लिस्ट :
इस समय सभी जिलों में फाइनल आरक्षण लिस्ट तैयार हो रही है। अभी आरक्षण लिस्ट पर आईं आपत्तियों को दूर करने का काम चल रहा है। शेड्यूल के हिसाब से 15 फरवरी तक आरक्षण सूची जारी हाे जानी चाहिए। दो और तीन मार्च को सभी जिलों में आारक्षण लिस्ट जारी हुई थी। इन लिस्ट पर 4 मार्च से 8 मार्च तक क्षेत्र पंचायत कार्यालय में आपत्तियां मांगी गई थी। 9 मार्च को जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय पर आपत्तियों को एकत्र किया गया। 10 मार्च से 12 मार्च के बीच आपत्तियों का निस्तारण करना था। इसके बाद अंतिम सूची का प्रकाशन होगा था।
आरक्षण के फॉर्मूले को लेकर कुछ दिनों से प्रदेश सरकार और पार्टी में जद्दोजहद चल रहा था। सूत्रों के अनुसार पार्टी में आरक्षण फार्मूले को लेकर असंतोष अब सतह पर आ गया था। पार्टी के कई सांसदों, विधायकों और जिलाध्यक्षों ने शीर्ष नेतृत्व से यह शिकायत भी की है कि उनके लोग पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी किए बैठे थे मगर आरक्षण के फार्मूले की वजह से उनके लोग चुनाव लड़ने से वंचित हो गए। सूत्र बताते हैं कि पंचायतीराज विभाग में इस मुद्दे पर पिछले कई दिनों से गंभीर मंथन चल रहा है। चूंकि हाईकोर्ट ने समयबद्ध ढंग से 15 मई तक पूरी चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न करवाने के आदेश दे रखे हैं और पंचायतों के पदों की सीटों के आरक्षण की अनंतिम सूची भी जारी हो चुकी है जिस पर दावे और आपत्तियां मांगे जाने का समय भी सोमवार 8 मार्च को बीच गया इसलिए अब आरक्षण के फार्मूले में बदलाव की गुंजाईश तो नहीं थी
आरक्षण को लेकर आ रही हैं आपत्तियां
आप को बता दें कि सिर्फ बस्ती जिले में ही 750 आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं. उम्मीदवारों ने प्रशासन पर बड़े पैमाने पर गलत सूची जारी करने का आरोप लगाया है. जिसके बाद जिलाधिकारी बस्ती ने टीम बनाने के निर्देश दिए हैं, जो इन शिकायतों की जांच करेगी. बस्ती जनपद में कुल 1185 सीट ग्राम प्रधान के लिए सृजित किए गए हैं, जिसमें 622 उम्मीदवारों ने शिकायत दर्ज कराई है. वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC) के लिए 1040 पद और जिला पंचायत सदस्य के लिए 43 पद सृजित किया गया है. इसमें से क्षेत्र पंचायत में 99 सीट और जिला पंचायत सदस्य के 29 सीटों पर आपत्ति दर्ज की गई है. 2268 सीटों में से 750 पर आपत्ति सामने आई हैं. आंकड़ों पर गौर करें, तो हर तीसरे पद को लेकर किसी न किसी सीट पर शिकायत की गई है.
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