
देशद्रोह का मामला भी है दर्ज
साल 2008 में सालबनी में जिंदल कारखाने के शिलान्यास कार्यक्रम से मेदिनीपुर लौटते वक्त बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का काफिला माओवादी द्वारा बिछाए गए बारुदी सुरंग की चपेट में आ गया था. इस घटना में पुलिस ने साल 2009 में छत्रधर महतो समेत कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. 12 मई 2015 में मेदिनीपुर जिला अदालत ने महतो को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी
कौन है छत्रधर महतो
झारग्राम के छत्रधर महतो आदिवासियों का एक चेहरा हैं, वो विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की तरफ से लगातार प्रचार कर रहे हैं. इससे पहले वे कभी बंगाल में सीपीआईएम का खास चेहरा रहे थे. छत्रधर महतो आज ममता बनर्जी के कोर स्टेट कमेटी में सदस्य हैं और इन्हें ममता बनर्जी का बेहद नजदीकी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि छात्रधर महतो की पकड़ बंगाल के जंगलमहल इलाके में इतनी ज्यादा है कि उसने जेल में रहते हुए ही तृणमूल कांग्रेस को 2016 के विधानसभा चुनावों में यहां से जीत दिला दी थी.