- प्रेशर हार्न लगी गाड़िया के खिलाफ यातायात पुलिस ने खोला मोर्चा
- एसपी ट्रैफिक और एआरटीओ खुद उतरे मैदान में
- जनपद भर में 350 से अधिक वाहनों का कटा चलाना 50 से अधिक वाहनों के उतरे प्रेशर हार्न और हूटर
गोरखपुर
/ ध्वनि प्रदूषण करने वालो के खिलाफ यातायात पुलिस ने पूरी तरह से मोर्चा खोल रखा है बाइक या कार में प्रेशर हॉर्न या तेज आवाज करने वाला साइलेंसर लगा या फिर सड़क पर चलते हुए बुलेट बाइक से पटाखे जैसे आवाज या फिर हूटर बजाते हुए सड़को पर दिखाई देने वाले लोगो के लिए मुश्किल खड़ी होने वाली है।एसएसपी दिनेश कुमार पी के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक यातायात रामसेवक गौतम गौतम ने आज एआरटीओ एमपी श्रीवास्तव के साथ खुद मैदान में उतरे और बड़े स्तर पर ध्वनि प्रदूषण बिना हेलमेट नो पार्किंग, तीन सवारी चलने वालो के खिलाफ अभियान चलाया। पुलिस अधीक्षक यातायात पूरे दल बल के साथ नौषण चौराहे पर ट्राफिक इंस्पेक्टर अख्तियार अहमद अंसारी और ट्रैफिक इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिन्हाल व ट्रैफिक इंस्पेक्टर विनोद कुमार और यातायात पुलिस के साथ अभियान की शुरुआत किया जिसमें प्रेशर हार्न लगी गाड़िया, हूटर, मोडीफाई साइलेंसर लगे वाहनों की चेकिंग की गई चेकिंग के दौरान करीब 350 से अधिक वाहनों का चालान काटा गया साथ ही 50 से अधिक अनाधिकृत रूप से लगे के हूटर प्रेशर हार्न, मॉडिफाई सैलेंसर भी वाहनों से उतरवाए गए इस बड़ी कार्यवाही से ध्वनि प्रदूषण करने वालो में हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक यातायात श्री रामसेवक गौतम ने बताया है कि एआरटीओ श्री एमपी श्रीवास्तव के साथ संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया गया जिसमें ऐसे वाहन जो सड़को पर ध्वनि प्रदूषण करते है इन सभी के खिलाफ चालान की कार्यवाही की गई है साथ ही कुछ वाहनों के हूटर भी उतरवाए गए है आमजनमानस को ध्वनि प्रदूषण करने वाले वाहनों से तरह तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जैसे प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल करने से बीमार लोगो को तरह तरह की दिक्कतें होती है प्रेशर हॉर्न, स्पीकर और रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल या बसों ट्रकों में इस्तेमाल किए जाने वाले अलग तरह के साइलेंसर (तेज आवाज करने वाले) वाहनों से तनाव, सिरदर्द, थकान, चिड़चिड़ापन, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव, हृदय रोग और पाचन में गड़बड़ी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं पेश आती हैं अब जनपद में ऐसी किसी भी वाहनों को सड़कों पर चलने नही दिया जाएगा अभियान को और अधिक तेज़ किया जाएगा ताकि लोगो को ध्वनि प्रदूषण से निजात मिल सके।