कोरोना संक्रमण काल ने कलाकारों को अपनी कला के प्रदर्शन और ठहरे हुए वक्त में भी आगे बढ़ने के लिए विविध माध्यमों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है और विशुद्ध रूप से वर्चुअल तकनीक इसमें से सबसे अधिक कारगर साबित हुई है।
जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज नई दिल्ली की ड्रामा सोसायटी ‘अनुभूति’ ने भी युवा निर्देशक अमित तिवारी के मार्गदर्शन में इस दौरान न केवल वर्चुअल कार्यशाला और रंगमंच के विविध आयामों के संवाद कार्यक्रम को दर्शकों से परस्पर सांझा किया ।
नाटक में धु्रव की भूमिका निभा रही गार्गी सूद ने अपने घर के कमरे में मंच तैयार किया है जबकि युवा धु्रव की भूमिका निभा रही है।
ध्रुव गार्गी सूद (बचपन) की भूमिका निभा रही शिमला निवासी का कहना है कि कोरोना काल में समाज के लगभग सभी व्यवसायों एवं वर्गों से जुड़े लोगों को जीविका उपार्जन के लिए सरकारी अनुदान अथवा किसी संस्था से दान प्राप्त हुआ है किंतु कलाकर्म से जुड़े लोगों को इससे वंछित रखा गया लेकिन डिजिटल इंडिया तकनीक की सोच को प्रबलता प्रदान करते हुए वर्चुअल भाव ने लम्बे अंतराल के बाद कलाकारों और दर्शकों के परस्पर संबंधों को पुनः उजागर कर एक मंच प्रदान किया है।