• February 16, 2025
 जबरन रिटायर किये गये उत्तर प्रदेश कैडर के (आईपीएस) अधिकारी अमिताभ ठाकुर के भाई ने मां के नाम लिखी कविता
  • अक्टूबर 2020 में अमिताभ ठाकुर ने पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश के टॉप तीन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का गंभीर मुद्दा उठाया था
  • रिटायरमेंट के आदेश का अध्ययन कर रहे अमिताभ ठाकुर, गैरकानूनी पाए जाने पर जाएंगे अदालत
  • अपने 31 साल के सेवाकाल में दो बार निलंबित हुए ठाकुर, राजनीतिक पारी शुरू करने से परहेज नहीं

विनीत राय, गोरखपुर।

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जबरन रिटायर किए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अमिताभ ठाकुर फिलहाल सुर्खियों में हैं। उनके भाई अविनाश कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा के झारखंड कैडर के वरिष्ठ अधिकारी हैं। वे ऊर्जा और समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव और ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष हैं। उन्होंने सधे अंदाज में बड़े भाई पर हुई कार्रवाई को लेकर अपने मन की पीड़ा साझा की है।

विभिन्न महत्वपूर्ण महकमे में तैनाती के दौरान बेहतर परिणाम देने वाले आइएएस अफसर अविनाश कुमार ने इंटरनेट मीडिया पर मन में चल रहे उथलपुथल को शहीद भगत सिंह की एक मशहूर पंक्ति के माध्यम से भी व्यक्त किया है

जबरन रिटायर किये गये उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अमिताभ ठाकुर के भाई आईएएस अविनाश कुमार ने गुरुवार को अपने फेसबुक वॉल पर एक मार्मिक कविता लिखी है। अपनी मां को समर्पित कविता में उन्होंने अपने बड़े भाई अमिताभ ठाकुर की खूबियों का बखान किया है और कहा- ‘मां अगले जन्म में फिर अमिताभ पैदा करना।’

 

अमिताभ ठाकुर की ईमानदारी, सादगी की हुई तारीफ
वरिष्ठ पत्रकार विनय कुमार ने टिप्पणी की है कि- ‘अमिताभ ठाकुर जी पर हमें गर्व हैं, उन्हें मेरा सलाम।’ उन्होंने इतनी मार्मिक कविता लिखने के लिए भी आईएएस अविनाश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया गया है। कई अन्य लोगों ने भी इसे दिल को छू लेने वाली, जज्बातों से भरी… कविता बताया। सभी ने अमिताभ ठाकुर की ईमानदारी, सादगी और सरलता की प्रशंसा की है।

अमिताभ ठाकुर ने नेम प्लेट पर लिखा – आईपीएस (जबरिया रिटायर्ड)
इधर,आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने लखनऊ स्थित आवास में अपने आवास पर अपने नाम के आगे लिखे बोर्ड में यह भी अंकित कर दिया है- आईपीएस (जबरिया रिटायर्ड)

वहीं, आईएएस अविनाश कुमार की लिखी पूरी कविता इस तरह है-
तुम शर्म मत करना
ना मर्म ही करना
करना ही हो तो
मां तुम गर्व करना
वह वही है जिसको तुमने जन्म दिया
वह सही है जिसको तुमने वरण किया
वह निस्वार्थ है अभी भी
वह यथार्थ है आपका ही
गिरेगा नहीं मां वो
मरेगा नहीं हो
लड़ेगा जरूर मां, वो
झुकेका नहीं हो
शालीनता उसकी कमजोरी नहीं
मसखरापन उसका पागलपन नहीं
सादगी भी उसकी गरीबी नहीं
हंस कर सह लेना उनका बालपन नहीं
मां अगले जन्म फिर अमिताभ पैदा करना
भगवान हर घर में ऐसा ताज पैदा करना
नभ में सितारों के बीच मां
अपने इस विलक्षण पुत्र पर नाज करना

 

अखिलेश सरकार से भी हुआ था टकराव

अमिताभ ठाकुर ने 1992 में आइपीएस सेवा ज्वाइन की थी। अपने लगभग 31 वर्ष के कार्यकाल में उन्हें दो बार निलंबित होना पड़ा है तो दर्जनों बार विभिन्न सरकारों के कोप का भाजन बनना पड़ा है। पिछली सरकार में भी अमिताभ ठाकुर का टकराव तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हुआ था, जब उन्होंने 11 फरवरी 2016 को प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों पर ट्रांसफर-पोस्टिंग के ‘उद्योग’ में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया था। उनके पत्र लिखने के पूर्व प्रदेश में 49 आईपीएस और 67 पीसीएस अधिकारियों का तबादला किया गया था। ठाकुर का आरोप था कि इस मामले में गंभीर भ्रष्टाचार हुआ है।

अमिताभ ठाकुर ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक पत्र लिखकर प्रदेश के कुछ टॉप अधिकारियों पर ट्रांसफर-पोस्टिंग खेल में शामिल होने की जानकारी दी थी। अपने पत्र में उन्होंने कई उदाहरण देकर बताया था कि अमुक अधिकारी की नियुक्ति किस तरह की गई और किस प्रकार चंद दिनों में ही उसे अपने पद से हटाकर किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई। उन्होंने कहा कि इतनी साफ जानकारी देने के बाद भी उन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उलटे उन्हें ही सपा सरकार में निशाना बनाया गया।

ठाकुर का कहना है कि इन अधिकारियों की शिकायत के बाद उन पर तो कोई कार्रवाई नहीं ही हुई, उलटे उन पर ही इस बात के लिए विभागीय जांच बिठा दी गई कि उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री को शिकायत क्यों दर्ज कराई? अमिताभ ठाकुर पर एक समय में पांच विभागीय कार्रवाई चल रही थी।

कभी किसी पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाये

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि अपने पूरे सेवाकाल में उन्होंने कभी किसी व्यक्ति पर कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाये। उन्हें जहां भी भ्रष्टाचार होता दिखा, उसकी शासन-प्रशासन के उचित मंच पर जानकारी दी। लेकिन उनका यह स्वभाव ही अनेक लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया। उन्हें आशंका है कि अपनी इसी सोच के कारण उन्हें जबरन रिटायर किये जाने की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।

किसी राजनीतिक दल से कोई बैर नहीं

अमिताभ ठाकुर की सियासी पारी को लेकर तमाम कयासबाजी होती रही है। उन पर यहां तक आरोप लगे हैं कि सेवा काल के बाद किसी राजनीतिक दल से जुड़ने की इच्छा के कारण वे हमेशा इस तरह के विवाद खड़े करते रहते हैं, जिससे वे चर्चा के केंद्र में बने रहें। लेकिन अमिताभ ठाकुर इस आरोप से इनकार करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई मुद्दा तभी उठाया जब उन्हें उसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार दिखा।
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने आवास की नेम प्लेट बदल दी

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने आवास की नेम प्लेट बदल दी है. गृह मंत्रालय के द्वारा उनपर लगे आरोपों के बाद उन्हें समय से पहले सेवानिवृत कर दिया गया था. इसके बाद आज आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने आवास की नेम प्लेट बदल दी है. अमिताभ ठाकुर ने अब अपने आवास के नेम प्लेट पर लिखा है, ‘अमिताभ ठाकुर आईपीएस जबरिया रिटायर्ड.’

इसकी तस्वीरें भी उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है. सोशल मीडिया पर ये तस्वीर काफी वायरल हो रही है. इस संबंध में उनका कहना है कि चूंकि उन्हें समय से पहले जबरदस्ती मनमाने ढंग से रिटायर कर दिया गया, अतः वे अपने लिए इन्हीं शब्दों का प्रयोग करेंगे.

बता दें कि अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही थी. उत्तर प्रदेश शासन ने एक शासनादेश में कहा था कि गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाये रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवापूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है.

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