गोरखपुर। खबरों की दुनिया में प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता सदा कायम रहेगी। डिजिटल होती दुनिया में प्रिंट मीडिया अपनी जवाबदेही खुद तय करने वाला माध्यम है इसलिए इसकी साख पर आंच नहीं आएगी। यही इसकी ताकत है। जिस दौर में हर तरफ नैराश्य और अवसाद का वातावरण गहराया हो उस दौर में अखबार का प्रकाशन शुरू करना बहुत साहस और धारा के विपरीत तैरने जैसा उपक्रम है। वॉयस ऑफ शताब्दी परिवार का यह साहस अनुकरणीय और स्तुत्य है। इतिहास वही रचते हैं जो धारा के विपरीत चलने का हौसला और साहस रखते हैं। यह बातें शुक्रवार को वॉयस ऑफ शताब्दी दैनिक अखबार के शुभारंभ के अवसर पर महामना मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और डीन गोविंद पाण्डेय ने कहीं। वे बतौर मुख्य अतिथि यहां आमंत्रित थे।
इसके पहले मुख्य अतिथि प्रोफेसर पाण्डेय का वॉयस ऑफ शताब्दी कार्यालय में संस्थान की चीफ एडिटर सुमिता गांगुली, मैनेजिंग एडिटर सुब्रोतो गांगुली ने गुलदस्ता और अंगवस्त्र देकर सम्मान किया। उन्होंने फीता काटकर और दीप प्रज्जवलित कर अखबार के प्रकाशन का आगाज किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि पूर्व डिप्टी मेयर जीतेंद्र सैनी का स्वागत विवेकानंद त्रिपाठी और संतोष श्रीवास्तव ने किया।
उद्घाटन की औपचारिकताओं के बाद मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन के क्रम में पत्रकारिता के दायित्वों और जीवन मूल्यों पर सारगर्भित विचार रखे। कहा अखबारों के अवसान की भविष्यवाणी नब्बे के दशक में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के उद्भव के साथ ही होने लगी थी। मगर वक्त की पदचाप पहचान प्रिंट मीडिया ने अपने साज -सज्जा, कलेवर में बहुत आकर्षक बदलाव कर न केवल इलेक्ट्रानिक माध्यम की चुनौती का मुकाबला किया बल्कि प्रसारण में उत्तरोत्तर वृद्धि करते हुए सारी आशंकाओं को मिथ्या साबित कर दिया। मौजूदा दौर में सोशल मीडिया का भले ही तेजी से विस्तार हो रहा है लेकिन अखबार अपनी खबरों की साख के बल पर इस आंधी में भी अडिग खड़े हैं। यही नहीं डिजिटल क्षेत्र में उतरकर वे वहां भी खबरों की विश्वसनीयता बनाए रखते हुए अपनी जिम्मेदारी का व्यापक फलक पर निर्वहन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अखबारों की सतर्कता के कारण ही फेक न्यूज के प्रचलन पर प्रभावी लगाम लग पा रही है। इन्होंने प्रिंट की ही तरह अपने डिजिटल संस्करणों को भी गुरुता और विश्वसनीयता प्रदान की है। इसके साथ प्रोफेसर पाण्डेय ने जन सराकारों से जुड़ी पत्रकारिता करने की सलाह दी। कहा मौजूदा दौर में जन सरोकार पीछे छूटते जा रहे हैं मगर उनसे सरोकार रखकर ही पत्रकारिता के नैतिक मानदंडों को हम कायम रख सकते हैं। इसके साथ उन्होंने क्रांतिदूत चंद्रशेखर आजाद और महान स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को नमन किया। कहा वॉयस ऑफ शताब्दी ने आज का दिन चुनकर इन क्रांतिवीरों को यथेष्ट सम्मान दिया है। इसके साथ उन्होंने ‘वॉयस ऑफ शताब्दी’ अखबार के पुष्पित पल्लवित होने की असीम शुभकामनाएं दीं।
वॉयस ऑफ शताब्दी के मैनेजिंग एडिटर सुब्रोतो गांगुली ने कहा कि अखबार का प्रकाशन किसी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए नहीं है। हमारा उद्देश्य हाशिए पर फेंक दिए गए लोगों के हितों के लिए संघर्ष करना है। प्रधान संपादक सुमिता गांगुली ने कहा कि हम हमेशा जन आकांक्षाओं पर खरा उतरने के लिए तत्पर रहेंगे।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व डिप्टी मेयर जीतेंद्र सैनी ने इस अवसर पर वॉयस ऑफ शताब्दी परिवार के प्रति अपनी शुभकामनाएं प्रकट कीं। कहा यह अखबार आम जन की आकांक्षाओं अपेक्षाओं पर निरंतर खरा उतरे इसके लिए साझा प्रयास किया जाएगा। उन्होंने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से उठाने की बात कही।
समाचार पत्र के जीएम मनोज श्रीवास्तव और संपादक विवेकानंद त्रिपाठी ने अखबार के विजन और उद्देश्यों को सामने रखते हुए कहा कि जन सरोकारों से जुड़ी खबरें ही हमारी पहचान होंगी।
वॉयस ऑफ शताब्दी के समाचार संपादक अशोक चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिस दौर में बड़े मीडिया हाउसों ने हथियार डाल दिए। हजारों लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। उस दौर में वॉयस ऑफ शताब्दी के मैनेजिंग एडिटर ने अखबार का आगाज कर नई उम्मीद जगाई है। यह बड़े हौसले और विराट विजन के चलते संभव हो सका है। इसके साथ उन्होंने सभी आगंतुकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
आयोजन को सफल बनाने वाले लोगों में जेवियर्स गोम्स, विवेक त्रिपाठी, प्रभात सिंह, अतुल भट्ट, दिव्या,वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र मिश्र दीपक, वरिष्ठ संवाददाता विनीत राय, रुद्र प्रताप सिंह, विवेक श्रीवास्तव, विष्णु दत्त पाण्डेय, शुभम सिंह, विनोद सिंह, आदि प्रमुख रहे। इस अवसर पर वॉयस ऑफ शताब्दी परिवार के शीतल चौधरी, गंगा दयाल दुबे, देशदीपक पाठक, अखिलेश यादव, अमित कुमार, सत्यवीर यादव, किशन कुमार, सोनू भास्कर आदि प्रमुख हैं।