केंद्रीय मंत्रालय ने दिल्ली के अंदर 2338 हेक्टेयर ग्रीन कवर क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य दिया था, दिल्ली सरकार ने 4654 हेक्टेयर ग्रीन कवर क्षेत्र बढ़ाया है- गोपाल राय
दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली को 15.20 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य दिया गया जबकि दिल्ली सरकार ने 32 लाख पौधे लगाए। यह केंद्र सरकार की ओर से दिए गए लक्ष्य से 210 प्रतिशत अधिक है। केंद्रीय मंत्रालय ने दिल्ली के अंदर 2338 हेक्टेयर ग्रीन कवर क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य दिया था। दिल्ली सरकार ने 4654 हेक्टेयर ग्रीन कवर क्षेत्र बढ़ाया है। दिल्ली में प्रदूषण स्तर कम करने के लिए बहुत सारे अभियान चलाए गए। जिसके परिणामस्वरूप नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली के अंदर 15 से 25 फीसदी तक प्रदूषण कम हुआ है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट के 423 एकड़ क्षेत्र में मौजूद विदेशी कीकर जमीन खराब कर रहा है और हवा को साफ करने में भी कोई योगदान नहीं दे रहा। सरकार ने दिल्ली को विलायती कीकर से मुक्त कर स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाने का फैसला किया है। शोध में खुलासा हुआ है कि पीपल, नीम, गूलर, अमलतास, जामुन, पिलखन और देसी कीकर की हवा को साफ करने में ज्यादा भूमिका होती है। पूरी दिल्ली के अंदर इन पौधों को लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी ताकि प्रदूषण स्तर कम किया जा सके। पिछले साल की तरह इस साल साल भी दिल्ली सरकार पूरी ताकत के साथ वृक्षारोपण महाभियान चलाएगी। सरकार ने 5 साल में दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सिविल लाइंस में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। गोपाल राय ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पिछले कई सालों से लगातार काम कर रही है। पिछले 1 साल से युद्ध स्तर पर काम की गति को बढ़ाया गया है। दिल्ली के अंदर सरकार बनने पर दिल्ली के लोगों से 10 कामों की गारंटी देने का वादा किया था। जिसमें दूसरे कामों के साथ दिल्ली में प्रदूषण स्तर को कम करने की जिम्मेदारी सरकार ने जनता के साथ मिलकर ली थी। इसके तहत बहुत सारे अभियान दिल्ली के अंदर चलाए गए। जिसके परिणामस्वरूप कई रिपोर्ट आयी हैं, जिनका अध्यन बताता है कि दिल्ली के अंदर 15 से 25 फ़ीसदी तक प्रदूषण कम हुआ है। दिल्ली के अंदर हमने सभी कामों के साथ-साथ प्रदूषण स्तर कम करने के लिए वृक्षारोपण अभियान चलाया। पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान लक्ष्य को हासिल किया। केंद्र सरकार नॉ लक्ष्य दिया था कि दिल्ली के अंदर 15.20 लाख पौधे लगाए जाएं। जबकि दिल्ली सरकार ने 31 लाख का लक्ष्य तय किया था। हमने पूरे साल में वृक्षारोपण के आंकड़े इकट्ठा किए हैं। दिल्ली के अंदर 32 लाख पौधे अलग-अलग विभागों के द्वारा लगाए गए हैं। यह केंद्र सरकार के लक्ष्य से 210 प्रतिशत ज्यादा है। इसका असर दिल्ली के पर्यावरण पर दिख रहा है। इसके साथ दिल्ली के अंदर 2338 हेक्टेयर ग्रीन क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य केंद्रीय मंत्रालय ने दिया था। केंद्रीय मंत्रायल की ओर से हर राज्य को हर साल लक्ष्य दिया जाता है। दिल्ली ने 2338 हेक्टेयर की जगह 4654 हेक्टेयर ग्रीन कवर क्षेत्र बढ़ाया है।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण मुक्त दिल्ली की मुहिम 1 साल में चल रही है। उसमें वन विभाग, डीडीए, तीनों एमसीडी, शिक्षा विभाग, डीएसआईडीसी, डूसिब, दिल्ली रेल मेट्रो कॉरपोरेशन, एनडीपीएल, बीएसईएस, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली सीपीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी, दिल्ली जल बोर्ड, उत्तरी रेलवे, डीटीसी, पर्यावरण विभाग, दिल्ली कंटेनमेंट बोर्ड सहति अलग-अलग विभागों ने अपनी हिस्सेदारी निभाई है। अपनी जमीन और क्षमता के हिसाब से विभागों ने काम किया है। सभी विभागों ने दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने में जिस तरह से संवेदना दिखाई है उसके लिए सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। यदि सभी का सहयोग नहीं मिलता तो शायद इतने बड़े लक्ष्य को 200 फीसदी से ज्यादा हासिल करना सरकार के लिए असंभव होता।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर महामारी का समय चल रहा था। ऐसे में 10 जुलाई से दिल्ली में पौधे लगाओ और पर्यावरण बचाओ अभियान शुरू किया जो 26 जुलाई तक चला था। इस पूरे अभियान के दौरान दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष ने अलग-अलग जगहों पर जाकर अभियान का नेतृत्व किया था। अगले चरण में 70 विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों के नेतृत्व में वृक्षारोपण अभियान चलाया था। जिसकी वजह से हर विधानसभा के अंदर अभियान को लागू करने में हमें सहयोग मिला। वन विभाग द्वारा महामारी के दौरान 13 औषधीय पौधों की पहचान की गई। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 13 औषधीय पौधों का पूरी दिल्ली के अंदर मुफ्त वितरण किया। जिसमें जामुन, नीम, अर्जुन, आंवला, तुलसी, कड़ी-पत्ता, गिलोय आदि प्रजातियों के पौधे थे। जिनको दिल्ली के अंदर अलग-अलग नर्सरी के माध्यम से वितरण किया, ताकि लोगों की इम्यून क्षमता को बढ़ाया जा सके।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अब बड़ा लक्ष्य तय किया है। दिल्ली के अंदर सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट मंट लंबे समय से विदेशी कीकर है। उससे न सिर्फ जमीन खराब हो रही है बल्कि दिल्ली के वातावरण को बेहतर करने में भी कोई योगदान नहीं है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने 423 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले विलायती कीकर से दिल्ली को मुक्ति दिलाने के लिए कमेटी का गठन किया है। सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट के माध्यम से पूरे क्षेत्र के अंदर स्थानीय प्रजातियों को लगाने का काम किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे। जिससे आगामी दिनों में दिल्ली के अंदर अधिक हरित क्षेत्र विकसित कर पाएंगे जो कि दिल्ली के पर्यावरण को बेहतर करने में अपना योगदान दे सकेंगे।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एंटी डस्ट अभियान चला रहे हैं और वाहन प्रदूषण को भी रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा पराली के प्रदूषण को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। इसी बीच पिछले दिनों शोध रिपोर्ट हमारे सामने आयी है कि कुछ खास पौधे वायु प्रदूषण को कम करने में ज्यादा सहयोगी हो सकते हैं। ऐसे पौधों की प्रजाति सामने आई है जो कि वायु को ज्यादा साफ करती है। दिल्ली के अंदर हम सभी एजेंसियों से कह रहे हैं कि पीपल, नीम, गूलर, अमलतास, जामुन, पिलखन और देसी कीकर का वायु को साफ करने में ज्यादा भूमिका होती है। कई जगह पर ऐसे पौधे लगे हुए हैं जो हरे-भरे तो हैं लेकिन हवा की गुणवत्ता को बेहतर करने में उनका उतना योगदान नहीं है, जितना इन पौधों का हो सकता है। अब हमारी कोशिश है कि पूरी दिल्ली के अंदर इन पौधों को लगाने में प्राथमिकता दी जाए। जिससे कि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस साल की योजना के लिए इस महीने सभी विभागों की एक संयुक्त बैठक योजना बना रहे हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी पूरी ताकत के साथ वृक्षारोपण महाभियान सरकार चलाएगी। सरकार ने 5 साल में दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है और ये वादा हमने गारंटी कार्ड में भी किया था। केंद्र सरकार का जो लक्ष्य आने वाला है और जो हमारा लक्ष्य है उसको मिलाकर इस महीने में हम अगले 1 साल का रोड मैप तैयार कर, आपके सामने रखेंगे।