
उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्यों के बीच समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है क्योंकि दोनों के द्वारा ही ईंधन पर कर लगाए जाते हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि केन्द्र और राज्यों दोनों पर ही राजस्व का दबाव बना हुआ है। उन्हें देश और लोगों को कोविड- 19 महामारी से उत्पन्न दबाव से बाहर निकालने के लिये अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ रही है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसे में राजस्व की जरूरत और सरकारों की मजबूरी पूरी तरह से समझ में आती है। लेकिन इसके साथ ही यह भी समझने की जरूरत है कि इसका मुद्रास्फीति पर भी प्रभाव पड़ता है। पेट्रोल और डीजल के ऊंचे दाम का विनिर्माण उत्पादन की लागत पर प्रभाव होता है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक डिजिटल मुद्रा पर आंतरिक तौर पर काफी काम कर रहा है और जल्द ही एक व्यापक दिशानिर्देश के साथ प्रगति दस्तावेज जारी किया जाएगा।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल भाव शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन बिना किसी बदलाव के क्रमश: 90.93 रुपए, 91.12 रुपए, 97.34 रुपए और 92.90 रुपए प्रति लीटर बना रहा। वहीं, डीजल का भाव दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 81.32 रुपए, 84.20 रुपए, 88.44 रुपए और 86.31 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर है।
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